Published On Nov 25, 2021
उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। ऋषि वाल्मीकि लव कुश का नाम करण करते हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं।
अश्वमेध यज्ञ की तैयरी शुरू कर दी जाती है,अश्वमेध यज्ञ के अश्व पूजा अर्चना करके चरो दिशाओं में घूमने के लिए भेज दिया जाता है और लव अश्वमेध के अश्व को देख कर मोहित हो जाते हैं और उसे पकड़ लेते हैं।
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