Ram Siya Ram Lofi - राम सिया राम सिया राम जय जय राम - Vaibhav | Vipul Music
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 Published On Premiered Mar 29, 2023

Singer, Composer, Additional Lyics: Vaibhav
Music and Mix-master: Vaibhav
Label: Vipul Music Company


Mangal Bhawan Amangal Hari is a Chopai of Shri Ram Ji 🙏

Mangal Bhawan means “abode of auspiciousness” and Amangal Hari means “remover of inauspiciousness”

Prabhu Shri RamJi is called Mangal Bhawan Amangal Hari because wherever Prabhu Shri RamJi is there is auspiciousness and inauspiciouness is automatically removed,.

People who chant and listen to this Prayer, their all kinds of obstacles gets removed.
And chanting this Prayer gives mental and physical strength happiness, money, prosperity and well-being 🙏

मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी चौपाई का हिंदी अर्थ
हिंदू धर्म में चौपाई, दोहा और श्लोक आदि का विशेष महत्व रहा है। आप कई बार मंदिर जाते होंगे ही या घर पर ही पूजा करते होंगे तो कई बार आप या आपके घर के लोग कई चौपाई, दोहा और श्लोक का पाठ करते हैं इन्ही में से एक है मंगल भवन अमंगल हारी चौपाई। इस चौपाई को आपने कई बार सुना होगा। क्यर आपको इस चौपाई का हिंदी में अर्थ मालूम है। आज हम आपको इस चौपाई का हिंदी भावार्थ बता रहे हैं।

मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी
अर्थ : जो मंगल करने वाले और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे।

होइहि सोइ जो राम रचि राखा।
को करि तर्क बढ़ावै साखा॥
अर्थ : जो भगवान श्री राम ने पहले से ही रच रखा है ,वही होगा | हम्हारे कुछ करने से वो बदल नही सकता।

हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी
अर्थ : बुरे समय में यह चार चीजे हमेशा परखी जाती है , धैर्य , मित्र , पत्नी और धर्म।

जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू
अर्थ : सत्य को कोई छिपा नही सकता , सत्य का सूर्य उदय जरुर होता है।

हो, जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरति देखी तिन तैसी
अर्थ : जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है।

रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
अर्थ : रघुकुल परम्परा में हमेशा वचनों को प्राणों से ज्यादा महत्व दिया गया है।

हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
अर्थ : प्रभु श्री राम भी अंनत हो और उनकी कीर्ति भी अपरम्पार है ,इसका कोई अंत नही है। बहुत
सारे संतो ने प्रभु की कीर्ति का अलग अलग वर्णन किया है।

राम सिया राम सिया राम,
जय जय राम,
राम सिया राम सिया राम,
जय जय राम॥

मंगल भवन अमंगल हारी,
द्रबहुसु दसरथ अजर बिहारी।
॥ राम सिया राम सिया राम...॥

होइ है वही जो राम रच राखा,
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा।
॥ राम सिया राम सिया राम...॥

धीरज धरम मित्र अरु नारी,
आपद काल परखिये चारी।
॥ राम सिया राम सिया राम...॥

जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू,
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू।
॥ राम सिया राम सिया राम...॥

जाकी रही भावना जैसी,
प्रभु मूरति देखी तिन तैसी।
॥ राम सिया राम सिया राम...॥

हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता।
॥ राम सिया राम सिया राम...॥

रघुकुल रीत सदा चली आई,
प्राण जाए पर वचन न जाई।
॥ राम सिया राम सिया राम...॥

राम सिया राम सिया राम,
जय जय राम,
राम सिया राम सिया राम,
जय जय राम॥

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