Receptivity & optimism | विषैली बातें सृजन ख़त्म कर देती है | Harshvardhan Jain | 7690030010
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 Published On Mar 26, 2024

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Words have divine power. The pronunciation of words is very influential. Words are the creators of the future. Words are the architects of change. Words are the creators of the future. The kind of words we use, the same kind of future appears.

शब्दों में दैवीय शक्ति होती है। शब्दों का उच्चारण बहुत प्रभावशाली होता है। शब्द भविष्य निर्माता होते हैं। शब्द परिवर्तन के सूत्रधार होते हैं। शब्द भविष्य के विधाता होते हैं। हम जिस तरह के शब्दों का प्रयोग करते हैं, वैसा ही भविष्य प्रकट हो जाता है। जिस प्रकार धार्मिक कर्मकांड करते समय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इसका अर्थ सिर्फ यही है कि मंत्रों का बार-बार उच्चारण करने से अपना संदेश ईश्वर तक पहुंचाना सहज हो जाता है। उसी प्रकार अपने मन में बार-बार जिन शब्दों का उच्चारण किया जाता है, उनका संदेश अपने अंदर विराजमान ईश्वर तक पहुंचा देते हैं। हम जिन शब्दों का बार-बार उच्चारण करते हैं, हमारे अंदर बैठे ईश्वर तथास्तु कह देते हैं और कह देते हैं कि यही सत्य होगा; जो कुछ आपने बोला है वही सत्य होगा। इसीलिए कहते हैं कि सफलता के अनुकूल चरित्र निर्माण करो, संस्कार बनाओ, आदतें बनाओ, अनुशासन बनाओ और अपने सपनों का अनुसरण करो। आपकी सफलता लोगों के सीने में क्रांति की चिंगारी फूंक देगी।

जिस प्रकार अमृत जीवमात्र को अमर कर देता है, उसी प्रकार विष निर्जीव बना देता है। जो व्यक्ति अपनी स्वर गंगा को शब्दों के महासागर में समाहित कर देता है, विश्वास कीजिए उसका जीवन अमृतमय हो जाता है, उसकी वाणी अमृतवाणी हो जाती हैं, उसका भविष्य अमृत सागर में विलीन हो जाता हैं और उसकी सफलता अमृत के समान अमर हो जाती है। ऐसे व्यक्ति सफलता के इतिहास में अपना नाम अमर कर देते हैं। लोगों की उन्नति के लिए बोले गए शब्दों से प्रभावित होकर लोग आपके अनुयाई भी बनते हैं और सहयोगी भी। विषैले शब्दों का प्रयोग करने से आपकी सृजन करने की क्षमता कम हो जाती है और नवनिर्माण करने की महत्वाकांक्षाएं कम हो जाती हैं। जिसके परिणाम स्वरूप उपलब्धियों का पतझड़ आ जाता है। सफल लोग चंदन के समान जीवन जीते हैं। अर्थात उनके आसपास नकारात्मक लोगों के होने के बावजूद वे हमेशा खुद को भविष्य के अनुकूल बनाने की तैयारी में व्यस्त रहते हैं। जिस प्रकार चंदन के पेड़ में सांप लिपटे रहते हैं, लेकिन चंदन कभी विषैला नहीं होता है। उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति दुर्जन व्यक्तियों के साथ रहने के बावजूद कभी भी दुर्जन नहीं होता है। अर्थात यदि मन में सकारात्मक सज्जनता मौजूद है, तो दुर्जनता का प्रभाव कभी नहीं पड़ता है।

चेहरे पर मुस्कान लिए उत्साह का सागर प्रवाहित करने वाला व्यक्ति सफ़लता का मन मोह लेता है। आपकी बॉडी लैंग्वेज दूसरों को प्रभावित करती है। आप अपने हाव-भाव से जो संदेश देना चाहते हैं वह दूसरों तक पहुंच ही जाता है। इसलिए पहली बार आप जिस व्यक्ति से मिलें, अपने व्यक्तित्व के प्रवक्ता बनकर मिलें। यदि आप अपने संस्कारों का प्रदर्शन नहीं करेंगे तो कौन करेगा। बिना सामर्थ्य का प्रदर्शन किए जनसमर्थन नहीं मिलता है। यदि आपको अपने सामर्थ्य का साक्षात्कार करने का मौका मिले तो अपने सामर्थ्य की अनंत सीमाओं तक विस्तार करने की कला का उत्साहवर्धक विश्लेषण करने का प्रयास करें। यही विश्लेषण आपके साहस के पंख लगा देगा। जिसका साहस अनंत ऊंचाई तक उड़ने के लिए तैयार होता है, उसके भविष्य की उड़ान इतिहास रच देती है। जब परफॉर्मेंस बोलती है, तब तालियों की गूंज दुनिया को जगा देती है। इसलिए अपनी परफॉर्मेंस को हथियार बनाकर दुनिया जीतने का प्रयास करें और लोगों के दिलों पर राज करने का प्रयास करें। विश्वास कीजिए, आप सफल हो जाएंगे क्योंकि परफॉर्मेंस ही सफलता का प्रतिबिंब होती है।

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